मंगलवार, 8 अगस्त 2017

अच्‍छी पहल, भारत में पर्यावरण सुधार के‍ लिए हो रहा राजमार्गों का उपयोग


भारत में जलवायु सुधार एवं पर्यावरण सुधार के लिए राष्‍ट्रीय राजमार्गों का भरपूर उपयोग इन दिनों मोदी सरकार कर रही है। हालांकि यह पूर्व में भी होता रहा है लेकिन इस समय इसमें पूर्व की अपेक्षा भारी सुधार हुआ है। देश में अधिकतम लोगों को सड़क से गुजरते वक्‍त स्‍वच्‍छ हवा मिले इसके लिए आसपास के वातावरण को हरा-भरा, स्‍वच्‍छ और प्रदूषण मुक्‍त बनाने के लिए भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पिछले साल 2.59 लाख वृक्ष लगाने में सफल रहा।

वृक्षारोपण को राजमार्ग विकास के अविभाज्‍य अंग के रूप में संस्‍थागत रूप प्रदान किये जाने का मोदी सरकार ने फैसला किया है। सरकार भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के जरिए वृक्षारोपण की प्रगति पर नजर रखने के लिए पीएमआईएस पोर्टल भी तैयार करने जा रही है। जिसे लेकर एनएचएआई के अध्‍यक्ष दीपक कुमार ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिये हैं ।

इन निर्देशों में कहा गया कि वे वर्तमान मॉनसून के सीजन के दौरान कम से कम एक लाख वृक्ष लगाना सुनिश्चित करें। उन्‍हें रियायतग्राहियों, ठेकेदारों, सामाजिक संगठनों, वन विभाग और अन्‍य हितधारकों को भी साथ जोड़ने की सलाह दी गई है। इसी के साथ ही एनएचएआई के हरित राजमार्ग प्रभाग ने मॉनसून के सीजन में उगाई जा सकने वाली उपयुक्‍त प्रजातियों की सूची प्रसारित की है।

इस संबंध में यह भी बताया जा रहा है कि एनएचएआई राष्‍ट्रीय राजमार्गों को हरा-भरा, स्‍वच्‍छ और प्रदूषण मुक्‍त बनाने के लिए वृक्षारोपण अभियान मॉनसून के दौरान तो जारी रखेगा ही, उसके बाद भी वृक्षों को पानी देने और उनका रखरखाव करने जैसी नियमित गतिविधियों के रूप में अपने इस कार्य को आगे करता रहेगा। 

निश्‍चित रूप से मोदी सरकार के इस प्रयास की सराहना होनी चाहिए। हम जितने अधिक पौधे लगाएंगे वे हमारे पर्यावरण के लिए उतने ही उपयोगी सिद्ध होंगे। वैसे भी सरकार को ही क्‍यों पौधे लगाने चाहिए। देश के हर नागरिक का यह कर्तव्‍य है कि जितनी वह ऑक्‍सीजन लेता है और जितना प्रदूषण वह अपने मल, वाहन इत्‍यादि के माध्‍यम से करता है, उसके प्रभाव को नष्‍ट करने के लिए वह अपने हिस्‍से के पौधे लगाए ताकि भविष्‍य में वह इतनी ऑक्‍सीजन दे सकें कि हमारा वातावरण पूरी तरह स्‍वस्‍थ हो सके ।

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